गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:

गुरू-शिष्य परंपरा : श्री संत जनार्दन स्वामी, श्री सदगुरू अप्पा माऊली व श्री सदगुरू दहिवलीकर महाराज.